ध्यान मन की बड़ी भारी शक्ति है । जिस तरफ इसे लगा दिया जाय उसका ज्ञान होने लगता है। वैज्ञानिकों ने अपना ध्यान प्रकृति के भीतर व्याप्त जड़ शक्ति पर लगाया, तो उन्हें जड़ प्रकृति के तमाम रहस्यों का पता चला है। बिजली, इंजन, वायुयान, रॉकेट, रेडियो, दूरदर्शन, दूरसंचार आदि सब खोजें प्रकृति पर ध्यान जमाने से ही पता चली हैं। भगवान श्रीकृष्ण का कहना है और सन्तों का भी अनुभव है कि यही ध्यान यदि अपने भीतर लगाया जाय तो भीतर के रहस्य खुलते हैं। कुछ को ज्याति के दर्शन हुए हैं, कुछ को अनहद नाद सुनायी दिया है, कुछ को कुण्डलिनी शक्ति के जागरण की अनुभूतियाँ हुई हैं। कान बन्द कर भीतर की आवाज सुनते रहने से शरीर के अन्दर का नाद सुनायी पड़ता है, और आँख बन्द कर ज्योति की कल्पना करते रहने से ज्योति दिखलायी देती है। ध्यान में सर्वत्र छितरी हुई चेतना को हम बटोर लाते हैं।